Tuesday, April 10, 2007

किसका चुनाव करेंगे बुलेट या बैलेट

उत्तर प्रदेश में 30 सांसद और 150 विधायक अपराधिक रिकॉर्ड वाले हैं। यानी ये वे लोग हैं जिनके डर के बाद भी लोगों ने इनके खिलाफ मुकदमे दर्ज करा दिये हैं। पता नहीं खबर बिग बी --- शहंशाह अमिताभ बच्चन ने पढ़ी-सुनी या नहीं। खबर बच्च्न साहब के लिए ज्यादा महत्व की इसलिए भी है क्योंकि,सिर्फ बच्चन साहब ही दम ठोंककर ये कह रहे हैं यूपी में बहुत दम हैं क्योंकि जुर्म यहां कम है। और, बच्चन साहब और उनके दोस्त अमर सिंह का जानकारी के लिए ये आंकड़े किसी मीडिया हाउस के या विपक्षी पार्टी के आरोप नहीं हैं ये आकंड़े हैं उत्तर प्रदेश के गृह विभाग के-- यानी गृह विभाग जानते हुए भी इन अपराधियों की सुरक्षा के लिए पुलिसबल का इंतजाम करताहै, वजह सिर्फ इतनी कि ये आपके वोट की ताकत से चुने हुए जनप्रतिनिधि है। ------

ये वो जनप्रतिनिधि हैं जिनको आपने पिछले विधानसबा और लोकसभा चुनाव में वोट दिया कि वो आपके बुनियादी हक के लिए लड़ाई लड़ेंगे जिससे आपकी जिंदगी कुछ औऱ बेहतर हो सकेगी। कम से कम वोट मांगते वक्त तो इनका यही दावा था। लेकिन, ऐसे जनप्रितिनिधि क्या खास आपके हकों की लड़ाई लड़ पाएंगे। जिनका आधा से ज्यादा समयअदालतों में सिर्फ इसलिए बीत जाता है कि कहीं अदालत इन्हें अपराधी घोषित न कर दे और अगली बार ये आपसे ये वादा करने न आ पाएं कि हम आपकी जिंदगी के हालात सुधारने आ रहे हैं । तो, इस बार वोट डालने जाइए तो, जरा संभलकर क्योंकि, बैलेट बुलेट पर पांच साल में सिर्फ एक ही दिन भारी पड़ता है और तो, सत्ता और अपराधियों का गठजोड़ बैलेट को बुलेट दिखाकर डराता ही रहता है।

यूपी के अपराधी सांसदों -विधायकों की गृह विभाग ने आज सूची पेश की है औरआज ही एक और खबरआई है। फैजाबाद के मिल्कीपुर विधायक रामचंद्र यादव को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। अब आप कहेंगे कि जब 150 विधायकों के खिलाफ अपराधिक मामले हैं तो फिर किसी विधायक की गिरफ्तारी की खबर मेंखासक्याहै। लेकिन, ये खास इसलिए है क्योंकि, समाजवादी पार्टी के इन विधायक जी के खिलाफ कोर्ट ने गैरजमानती वारंट जारी कर रखा था। और, अब ये पकड़ में इसलिए आ गए हैं कि इन्हें चुनाव लड़ना है। वरना तो, ये मजे से घूम रहे थे लेकिन, पुलिस को ढूंढ़े नहीं मिल रहे थे।

और, इन साहब के चुनाव प्रचार में जो जी-जान से जुटे हैं वो हैं मित्रसेन यादव-- ये भी कोई कम नहीं हैं-- असल बात इन दोनों खबरों जैसी ढेर सारी खबरें हमें रोज सुनने देखने को मिलती हैं लेकिन, हम हमारे ऊपर क्या असर होगा सोचकर इनके बगल से आंख मूंदकर निकल जाते है। आपको लग रहा होगा फिर मैं अभी हल्ला क्यों मचा रहाहूं।

हल्ला मचाने की वजह है यूपी विधानसभा के सात चरणों में होने वाले चुनाव। चुनाव आयोग ने सात चरणों में यहां वोटिंग का ऐलान किया है। दरअसल ऊपर की दोनों खबरें और चुनाव आयोग का सात चरणों में चुनाव का ऐलान , एक दूसरे से जुड़ी हुई खबरें हैं। असल बात ये है कि 150 विधायक- 30 सांसद(इतने लिस्टेड हैं) अपराधियों के अलावा दूसरे ऐसे ही रिकॉर्ड वाले अपराधियों (ये सब चुनाव भी लड़ेंगे।)से निपटने की तैयारी में ही आयोग सात चरणों में चुनाव करा रहा है।

यूपी की सीमा से लगे सभी राज्यों के डीजीपी भी अलर्ट हैं कि इस राज्यपर कहीं उनका कब्जा न हो जाए जो, गृह विभागके अपराधियों की सूची में होने के बाद भी गृह विभाग के ही मातहत आने वाले पुलिस की संगीनों के साये में अपराध करते घूमते रहें। लेकिन, ये चुनाव आयोग के बस की बात है ये मुझे नहीं लगता। क्योंकि, ये ताकत सिर्फ आपके हाथ में है।और मेरे कहने का आशय बिल्कुल भी ये नहीं है कि सिर्फ समाजवादी पार्टी में ही अपराधी रिकॉर्ड वाले लोग हैं।

सभी पार्टियों में थोड़ कम-थोड़ा ज्यादा वाले अंदाज मे अपराधी सम्मानित हो रहे हैं। प्रदेश की 403 में से कम से कम 250 विधानसभा ऐसी हैं जिसमें डेमोक्रेसी का लिटमस टेस्ट होना है। क्योंकि, इन विधानसभा से पहले से चुने हुए विधायक या फिर विधायकजी बनने की इच्छा रखने वाले कोई सज्जन (साबित न होने तक यही कहा जाता है) नामांकन भर चुके हैं या फिर भरने की पूरी तैयारी कर चुके हैं।देश को राह दिखाने का दम भरने वाला उत्तम प्रदेश (अब सिर्फ विज्ञापनों में) उत्तरोत्तर गर्त में ही जाता दिख रहा है। तो, एक दिन अपनेऔर अपने प्रदेश के लिए मनबना लीजिए। सभी पार्टियों में थोड़े कम ज्यादा अपराधी और बचे खुचे शरीफ मिल ही जाएंगे।इसलिए कोशिश करके इस बार बचे खुचे शरीफों को अपराधी बनने रोकिए। नहीं तो, अगले विधासनभा चुनाव तक गृह विभाग की सूची शायद और लंबी होगी।

4 comments:

  1. Harsh Ji, bahut badhia lekh laga. Aankhein kholane wala.

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  2. बहुत बढ़िया

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  4. harsha ji bahut accha laga pad kar , rachna maulik thi aur wastvikta ke karib bhi. yeh hindi ke liye acchi baat hai

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