देश की दशा-दिशा को समझाने वाला हिंदी ब्लॉग। जवान देश के लोगों के भारत और इंडिया से तालमेल बिठाने की कोशिश पर मेरे निजी विचार
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हिन्दू मंदिर, परंपराएं और महिलाएं निशाने पर क्यों
हर्ष वर्धन त्रिपाठी Harsh Vardhan Tripathi अभी सकट चौथ बीता। आस्थावान हिन्दू स्त्रियाँ अपनी संतानों के दीर्घायु होने के लिए निर्जला व्रत रखत...
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दैनिक जागरण के राष्ट्रीय संस्करण में 14 नवम्बर 2019 को छपा लेख कानूनी लड़ाई में एक शताब्दी से कम समय से, लेकिन कई हजार वर्षों से सीता ...
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हर्ष वर्धन त्रिपाठी अब इसमें कोई संदेह नहीं रह गया है कि , भारतीय सेनाओं में नौजवानों को कुशल प्रशिक्षण और योग्यता के आधार...
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आप लोगों में से कितने लोगों के यहां बेटियों का पैर छुआ जाता है। यानी, मां-बाप अपनी बेटी से पैर छुआते नहीं हैं। बल्कि, खुद उनका पैर छूते हैं...
जय लोकतंत्र जय प्रजातंत्र !!
ReplyDeleteहम अंदर से कितने हरिश्चंद्र?
जय हो..
ReplyDeleteआज 29/01/2012 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर (सुनीता शानू जी की प्रस्तुति में) लिंक की गयी हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
ReplyDeleteधन्यवाद!
राजनीतीज्ञों को लोगों की कमजोर याददाश्त पर पूरा भरोसा है ।
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